What is Secondary Market in Share Market? / शेयर मार्केट में सेकेंडरी मार्केट क्या है?

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सेकेंडरी मार्केट वह जगह है जहाँ पहले से जारी हुए शेयरों का व्यापार होता है। इसमें निवेशक एक-दूसरे के बीच शेयर खरीदते और बेचते हैं, जिससे शेयर की कीमत मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस बाजार में कंपनी को कोई नया पैसा नहीं मिलता, बल्कि शेयरों का लेन-देन निवेशकों के बीच होता है।


Definition of Secondary Market / सेकेंडरी मार्केट की परिभाषा

सेकेंडरी मार्केट में निवेशक स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE, BSE आदि पर पहले से जारी शेयरों का व्यापार करते हैं। इसमें कंपनी द्वारा जारी शेयरों की बिक्री और खरीद होती है, जिससे कंपनी को नया धन नहीं मिलता। यह बाजार निवेशकों को अपने निवेश को बेचना या खरीदने का मौका देता है।


Key Features / मुख्य विशेषताएँ

ट्रेडिंग की सुविधा:
निवेशक आसानी से शेयर खरीद और बेच सकते हैं, जिससे बाजार में सक्रियता बनी रहती है।

मूल्य निर्धारण:
शेयर की कीमत बाजार की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। ट्रेडिंग के दौरान कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है।

बाजार की तरलता:
अधिक से अधिक निवेशक होने से शेयरों का लेन-देन सुचारू रूप से होता है और बाजार तरल रहता है।

नए पूंजी का अभाव:
सेकेंडरी मार्केट में व्यापार होने से कंपनी को नया पैसा नहीं मिलता है, यह केवल निवेशकों के बीच शेयरों का लेन-देन होता है।


Process of Trading in the Secondary Market / सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग की प्रक्रिया

1. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर लॉगिन:
निवेशक अपने डिमैट खाते और ट्रेडिंग खाते के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज पर लॉगिन करते हैं।


2. ऑर्डर देना:
निवेशक अपने इच्छित शेयरों के लिए खरीद (बाय) या बिक्री (सेल) का ऑर्डर देते हैं। ऑर्डर बिड और आस्क के रूप में होते हैं।


3. मिलान (मैचिंग) और निष्पादन:
एक्सचेंज ऑर्डर्स का मिलान करता है और तय कीमत पर लेन-देन पूरा करता है।


4. सेटलमेंट:
शेयरों का अंततः हस्तांतरण और पैसे का लेन-देन सेटलमेंट चक्र के अनुसार होता है।


Importance of the Secondary Market / सेकेंडरी मार्केट का महत्व

सेकेंडरी मार्केट निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:

निवेश का तरलता:
निवेशक जब चाहें अपने शेयर बेच सकते हैं और तुरंत नकद प्राप्त कर सकते हैं।

मूल्य का निर्धारण:
यह बाजार शेयरों के सही मूल्य का निर्धारण करता है, जो कंपनी के प्रदर्शन और बाज़ार की स्थिति पर निर्भर करता है।

निवेशकों का विकल्प:
निवेशक अपने पोर्टफोलियो को समायोजित कर सकते हैं और बेहतर रिटर्न के लिए अलग-अलग शेयरों में निवेश कर सकते हैं।


Differences Between Primary and Secondary Markets / प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में अंतर

प्राइमरी मार्केट:
नई प्रतिभूतियाँ जारी होती हैं और जुटी पूंजी सीधे कंपनी को मिलती है। इसमें आईपीओ और एफपीओ शामिल हैं।

सेकेंडरी मार्केट:
पहले जारी शेयरों का व्यापार होता है। इसमें कंपनी को कोई नया पैसा नहीं मिलता, केवल निवेशकों के बीच लेन-देन होता है।


Conclusion / निष्कर्ष

सेकेंडरी मार्केट शेयर मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जहाँ पहले से जारी शेयरों का व्यापार होता है। यह बाजार निवेशकों को अपने निवेश को तरल करने का मौका देता है और शेयरों के सही मूल्य का निर्धारण करता है। इस मार्केट के जरिए निवेशक आसानी से शेयर खरीद और बेच सकते हैं, जिससे पूरे बाजार में सक्रियता बनी रहती है और निवेशकों को बेहतर विकल्प प्राप्त होते हैं।


Frequently Asked Questions (FAQ) / अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1: सेकेंडरी मार्केट क्या है?
A: सेकेंडरी मार्केट वह जगह है जहाँ पहले से जारी शेयरों का व्यापार होता है, और निवेशक एक-दूसरे से शेयर खरीदते और बेचते हैं।

Q2: इसमें कंपनी को नया पैसा क्यों नहीं मिलता?
A: क्योंकि यहां व्यापार कंपनी और निवेशकों के बीच होता है; कंपनी ने पहले ही शेयर जारी कर दिए होते हैं।

Q3: सेकेंडरी मार्केट से निवेशक को क्या फायदा होता है?
A: निवेशक आसानी से अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अपने निवेश को तरल बनाने में मदद मिलती है।

Q4: क्या सेकेंडरी मार्केट में कीमतें स्थिर रहती हैं?
A: नहीं, कीमतें मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती हैं, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव देखा जाता है।

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