वज़ीरएक्स ने अपने वज़ीरएक्स क्रेडिटर्स (जिनके फंड फंसे हुए हैं) के सामने दो विकल्प रखे हैं। भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स (WazirX) ने जुलाई 2024 में एक बड़े साइबर हमले का सामना किया, जिसमें हैकर्स ने लगभग 234 मिलियन डॉलर (लगभग 2000 करोड़ रुपये) की संपत्ति चुरा ली। इस हमले के पीछे उत्तर कोरिया के हैकिंग ग्रुप लाजरूस (Lazarus) का हाथ बताया जा रहा है।
इस घटना के बाद, वज़ीरएक्स ने अपने वज़ीरएक्स क्रेडिटर्स (जिनके फंड फंसे हुए हैं) के सामने दो विकल्प रखे हैं। यह फैसला एक्सचेंज के भविष्य को तय करेगा और निवेशकों के पैसे की वापसी की संभावनाओं को भी प्रभावित करेगा।

वज़ीरएक्स क्रेडिटर्स के लिए दो विकल्प
वज़ीरएक्स ने अपने निवेशकों और प्रभावित यूज़र्स को दो मुख्य विकल्प दिए हैं:
1. विकल्प 1: “YES” वोट करें और नया DEX (Decentralized Exchange) सपोर्ट करें
- वज़ीरएक्स एक नया डेसेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज (DEX) लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
- जिन निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं, उन्हें रिकवरी टोकन (Recovery Tokens) दिए जाएंगे।
- यह टोकन नए DEX पर ट्रेड किए जा सकते हैं, जिससे यूज़र्स को धीरे-धीरे अपनी संपत्ति वापस पाने का मौका मिलेगा।
- साथ ही, DEX के प्रॉफिट का एक हिस्सा भी इन टोकन धारकों को दिया जाएगा।
- अगर यह योजना सफल रही, तो क्रेडिटर्स को अप्रैल 2025 से भुगतान मिलना शुरू हो सकता है।
2. विकल्प 2: “NO” वोट करें और कानूनी प्रक्रिया से गुजरें
- अगर क्रेडिटर्स इस योजना को अस्वीकार करते हैं, तो वज़ीरएक्स को कानूनी रूप से दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा।
- इसके बाद, कंपनी की संपत्तियों को बेचकर निवेशकों को भुगतान करने की कोशिश की जाएगी।
- हालांकि, यह प्रक्रिया 2030 तक खिंच सकती है, और निवेशकों को उनकी पूरी रकम मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी।
- इसके अलावा, कानूनी लड़ाई और प्रशासनिक खर्चों के कारण निवेशकों को कम भुगतान मिलने की संभावना है।
वज़ीरएक्स के पुनर्निर्माण की योजना
अगर 75% से अधिक क्रेडिटर्स “YES” वोट करते हैं, तो वज़ीरएक्स अपनी नई DEX परियोजना को लागू करेगा। इस योजना के तहत:
- नया प्लेटफॉर्म पूरी तरह डेसेंट्रलाइज़्ड होगा, जिससे यूज़र्स के फंड अधिक सुरक्षित रहेंगे।
- क्रिप्टो ट्रेडिंग को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नए सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
- वज़ीरएक्स का मानना है कि यह नया मॉडल न केवल प्रभावित निवेशकों को राहत देगा, बल्कि भविष्य में प्लेटफॉर्म को फिर से सफल बना सकता है।
प्रभावित निवेशकों के लिए क्या सही रहेगा?
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, निवेशकों के पास दो संभावनाएं हैं:
- YES वोट देने से – निवेशकों को जल्दी से भुगतान मिलने की संभावना बढ़ सकती है और उन्हें प्रॉफिट-शेयरिंग का भी फायदा मिल सकता है।
- NO वोट देने से – कानूनी लड़ाई में फंसने का खतरा रहेगा और निवेशकों को 2030 तक इंतजार करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
वज़ीरएक्स की इस नई योजना से निवेशकों के सामने एक कठिन फैसला आ गया है। अगर अधिकांश लोग “YES” वोट करते हैं, तो उन्हें अपनी संपत्ति जल्दी वापस पाने का मौका मिल सकता है। लेकिन अगर “NO” वोटिंग अधिक होती है, तो कानूनी प्रक्रिया लंबी हो सकती है, और निवेशकों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ सकता है।
अतः क्रेडिटर्स को सोच-समझकर निर्णय लेना होगा, ताकि वे अपने फंसे हुए फंड को जल्द से जल्द वापस प्राप्त कर सकें।
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