NPCI यानि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम अब भारत के हर व्यक्ति के लिए एक NPCI क्रेडिट लाइन लॉन्च करने की तैयारी में है | एनपीसीआई का उद्देश्य है कि भारत के व्यक्तियों की क्रेडिट लाइन को अच्छा करते हुए उनको लोन लेने में आसानी प्रदान करेगा |
एनपीसीआई का मुख्य उद्देश्य उन लोगो को इस क्रेडिट लाइन से जोड़ने का होगा जो या तो विद्यार्थी है या ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहले कभी लोन नहीं लिया है जिससे उनकी क्रेडिट लाइन यानी सिबिल स्कोर बना ही नहीं हो | ऐसे में इन लोगो को एक क्रेडिट लाइन दी जाएगी|
इस क्रेडिट लाइन के आधार पर हर वो व्यक्ति भी लोन ले सकेगा जिसने पहले कभी न तो कोई लोन लिया है या ना ही कोई वस्तु ब्याज या फाइनेंस पर ली हो |
एनपीसीआई का मानना है की इस क्रेडिट लाइन से हर व्यक्ति तक क्रेडिट कार्ड जैसे उत्पाद आसानी से पहूंच जायेंगे और वो उनका उपयोग कर सकेंगे जिससे भारत में क्रेडिट अर्थव्यवस्था को काफी बड़ावा मिल सकेगा |
NPCI क्रेडिट लाइन कैसे देगा :
NPCI इस स्कोर को निर्धारित करने के लिए लोगो के UPI जैसे डिजिटल लेनदेन की जानकारी की मदद लेगा की कोई व्यक्ति अपने UPI या डिजिटल लेनदेन में किस तरह का और कितना बड़ा लेनदेन कर रहा है| वह व्यक्ति किस तरह की चीजों में भुगतान करता है और कितना भुगतान करता है |
NPCI क्रेडिट लाइन का उद्देश्य :
दरअसल एनपीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ( एनपीसीआई ) डिजिटल भुगतान स्कोर (डीपीएस) लाने की योजना बना रहा है, जिसका उद्देश्य अधिक दक्षता और विकास पैदा करते हुए देश की क्रेडिट स्कोरिंग प्रणाली को मजबूत करना है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानि सोने में निवेश करने का मौका, 16 फरवरी तक लगा सकते हैं पैसा
NPCI क्रेडिट लाइन यानी डीपीएस स्कोर:
डीपीएस स्कोर एक तरह से cibil (सिबिल) स्कोर की तरह ही होगा जो लोगो के वित्तीय कैरियर का एक स्कोर बताएगा जिसके आधार पर लोगो को लोन देने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी |
इस स्कोर से लोन देने वाली कंपनीज को ग्राहकों को लोन देने के की प्रक्रिया में ग्राहक की समय पर भुगतान करने की हिस्ट्री जैसी महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और उसी के आधार पर लोन देने की प्रक्रिया आसान हो सकती हैं |
एनपीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इसे निकट भविष्य में कुछ ऋणदाताओं के साथ शुरू किया जाएगा।
“एनपीसीआई में हम यह देखने के लिए काम कर रहे हैं कि क्या डिजिटल भुगतान स्कोर बनाने का अवसर है जो क्रेडिट स्कोरिंग प्रक्रिया का हिस्सा बन सकता है। एनपीसीआई की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) प्रवीणा राय ने कहा, हम कुछ ऋणदाताओं के साथ इसका परीक्षण करेंगे और फिर देखेंगे कि यह वास्तव में कैसे काम करता है।
राय मुंबई में भारत फिनटेक समिट ’24 में बोल रहे थे।
NPCI क्रेडिट लाइन पर उन्होंने कहा, “जब भारत में क्रेडिट स्कोरिंग की बात आती है, तो डेटा स्कोरिंग मॉडल अभी भी कई विकसित बाजारों में मिलने वाली व्यवस्था के स्तर से बहुत पीछे हैं।”
NPCI क्रेडिट लाइन पर राय ने स्पष्ट किया कि क्रेडिट पहचान के बारे में जागरूकता महत्वपूर्ण होने जा रही है, और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ उद्योग को भी ऐसा करने के लिए कदम उठाना होगा।
“लोगों में क्रेडिट पहचान बनाने की आवश्यकता के बारे में मजबूत जागरूकता पैदा करने और निर्माण करने की आवश्यकता का अभी भी अभाव है। अमेरिका जैसे बाजार में, यहां तक कि एक छात्र भी क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना शुरू कर देगा, इसलिए नहीं कि उन्हें इसकी आवश्यकता है, बल्कि इसलिए कि वे सिर्फ अपनी क्रेडिट पहचान बनाना चाहते हैं, ”उसने कहा।
मापदंडों के संदर्भ में, डीपीएस किसी व्यक्ति के वित्त में स्थिरता जैसे समय पर भुगतान, आवधिक बिल भुगतान जैसे संकेतकों को देख सकता है, और यदि कोई व्यक्ति जो अक्सर उच्च-मूल्य वाली वस्तुओं के लिए लेनदेन करता है, उसके पास उन्हें समर्थन देने के लिए आय है।
“चाहे ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म हों, वैकल्पिक डेटा स्रोत हों, विकेन्द्रीकृत संग्रह हों, या ब्यूरो की ओर से अधिक प्रकार के काम हों, यह संभवतः नए प्रकार के ब्यूरो का विकास हो सकता है जो इन नए प्रकार के स्कोर को देखता है।
उन्होंने कहा, ”वास्तव में डिजिटल भुगतान की कहानी को आगे बढ़ाने और इसे उस क्रेडिट अवसर के साथ जोड़ने के लिए यह अभिसरण एक ऐसी स्थिति को जन्म देगा जहां हम इस क्रेडिट अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप दे सकते हैं, क्रेडिट अर्थव्यवस्था को बढ़ा सकते हैं और बढ़ा सकते हैं और अधिक दक्षता और विकास कर सकते हैं।”
Disclaimer :- इस NPCI क्रेडिट लाइन के लेख में दी गई जानकारी केवल जानकारी के लिए है | इसे किसी भी प्रकार से निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए. कोई भी निवेश करने से पहले आपको निवेश सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए। कैश खबर निवेश से जुड़े किसी भी मामले में जिम्मेदार नहीं है.