शेयर मार्केट में लिक्विडिटी या तरलता (Liquidity in Share Market) उस आसानी और गति को कहते हैं जिसके साथ किसी स्टॉक को बिना कीमत पर बड़ा प्रभाव डाले खरीदा या बेचा जा सकता है। उच्च लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में हजारों – कभी लाखों – शेयर आसानी से ट्रेड हो जाते हैं, जिससे निवेशकों को बिना हानि के पोजीशन में प्रवेश और निकास करने का मौका मिलता है।
यह लेख विस्तार से लिक्विडिटी (Liquidity in Share Market) के अर्थ, महत्व, मापने के तरीके, और उससे संबंधित FAQ’s पर चर्चा करता है।
लिक्विडिटी का अर्थ (Liquidity in Share Market)
लिक्विडिटी (Liquidity in Share Market) से तात्पर्य है किसी एसेट (जैसे स्टॉक, बॉन्ड, या अन्य प्रतिभूति) को तुरंत नकद में बदला जा सके, वह भी बिना उसके मूल्य पर अत्यधिक प्रभाव डाले। नकदी सबसे लिक्विड एसेट मानी जाती है
उदाहरण: उच्च लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स (जैसे रिलायंस, टीसीएस, HDFC) में ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक होता है, जिससे ट्रेडिंग सुचारू रहती है।

शेयर मार्केट में लिक्विडिटी का महत्व / Importance of Liquidity in Share Market
लिक्विडिटी (Liquidity in Share Market) निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है:
त्वरित लेन-देन: उच्च लिक्विडिटी से निवेशक बिना समय बर्बाद किए ट्रेड कर सकते हैं।
कम ट्रेडिंग लागत: संकीर्ण बिड-आस्क स्प्रेड होने से लेन-देन की लागत कम रहती है।
निवेश में लचीलापन: निवेशक जब चाहे, आसानी से स्टॉक्स खरीद या बेच सकते हैं।
सही मूल्य खोज: लिक्विड मार्केट में स्टॉक के प्राइस में अचानक उतार-चढ़ाव नहीं होता, जिससे सही मूल्य निर्धारण में मदद मिलती है।
लिक्विडिटी को कैसे मापें / How to measure liquidity?
लिक्विडिटी मापने के लिए कुछ प्रमुख वित्तीय अनुपात और संकेतक होते हैं:
A. ट्रेडिंग वॉल्यूम
व्याख्या: प्रतिदिन ट्रेड किए गए शेयरों की संख्या से पता चलता है कि स्टॉक में कितनी गतिविधि है।
उदाहरण: अगर किसी स्टॉक का दैनिक वॉल्यूम लाखों में है, तो यह अधिक लिक्विड माना जाता है।
B. बिड-आस्क स्प्रेड
व्याख्या: बिड (खरीद) और आस्क (बेच) प्राइस के बीच का अंतर।
कम स्प्रेड: उच्च लिक्विडिटी का संकेत।
जांच: ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे Zerodha या Angel One पर स्प्रेड की तुलना करें।
C. Free Float
व्याख्या: बाजार में उपलब्ध कुल शेयर्स में से वे शेयर्स जो ट्रेडिंग के लिए खुले हैं।
महत्व: ज्यादा Free Float का मतलब अधिक लिक्विडिटी।
D. लिक्विडिटी अनुपात (Liquidity Ratios)
करंट रेश्यो: उच्च रेश्यो से संकेत मिलता है कि कंपनी की अल्पकालिक दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता है।
त्वरित (Quick) रेश्यो: इसमें इन्वेंटरी को निकाल दिया जाता है ताकि केवल नकद, शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट और अकाउंट्स रीसिवेबल शामिल हों।
लिक्विडिटी के लाभ और नुकसान
लाभ:
अच्छी प्रवेश और निकास: बड़ी मात्रा में शेयर खरीदने और बेचने में आसानी।
कम मूल्य प्रभाव: ट्रेडिंग से स्टॉक के प्राइस में अचानक बड़ा परिवर्तन नहीं होता।
बाजार की दक्षता: मूल्य खोज प्रक्रिया में सुधार।
नुकसान:
कम लिक्विडिटी: अगर कोई स्टॉक illiquid है, तो थोड़ा भी ट्रेड करने पर कीमत में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है।
स्प्रेड का बढ़ना: Illiquid स्टॉक्स में बिड-आस्क स्प्रेड काफी ज्यादा हो सकता है, जिससे लेन-देन महंगा हो जाता है।
निष्कर्ष
शेयर मार्केट में लिक्विडिटी (Liquidity in Share Market) एक महत्वपूर्ण कारक है जो न केवल ट्रेडिंग के सुचारू संचालन में मदद करती है, बल्कि निवेशकों को सही मूल्य पर तेजी से प्रवेश और निकास करने में भी सहायक होती है। उच्च लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश करने से ट्रेडिंग लागत कम होती है, और बाजार में स्थिरता बनी रहती है।
इसलिए, निवेश करते समय लिक्विडिटी पर ध्यान देना चाहिए और बाजार के Free Float, ट्रेडिंग वॉल्यूम, तथा बिड-आस्क स्प्रेड जैसे संकेतकों को ध्यान में रखना चाहिए।
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शेयर मार्केट में FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
तरलता (लिक्विडिटी) क्या है? / What is liquidity in share market?
लिक्विडिटी का मतलब है कि किसी स्टॉक को कितनी जल्दी और आसानी से नकद में बदला जा सकता है बिना उसकी कीमत पर बड़ा असर डाले।
क्या लिक्विडिटी का ज्यादा होना अच्छा है?
हाँ, उच्च लिक्विडिटी से ट्रेडिंग सुचारू रहती है, लेन-देन की लागत कम होती है, और स्टॉक का मूल्य स्थिर रहता है।
बिड-आस्क स्प्रेड से क्या पता चलता है?
बिड-आस्क स्प्रेड का अंतर जितना कम होगा, उतनी ही ज्यादा लिक्विडिटी का संकेत मिलता है। यह दर्शाता है कि खरीदने और बेचने वाले प्राइस के करीब हैं।
Free Float का महत्व क्या है?
Free Float बताता है कि कुल जारी शेयर्स में से कितने शेयर्स वास्तव में बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं। ज्यादा Free Float स्टॉक को अधिक लिक्विड बनाता है।
लिक्विडिटी जोखिम (Liquidity Risk) का मतलब क्या है?
लिक्विडिटी जोखिम उस स्थिति को दर्शाता है जब निवेशक अपने स्टॉक्स को तुरंत बेचने में असमर्थ होते हैं या उन्हें बेचने पर काफी छूट देनी पड़ती है, जिससे नुकसान हो सकता है।
शेयर मार्केट में लिक्विडिटी कैसे बढ़ाएं?
बाजार में भागीदारी बढ़ाएं: बड़े निवेशकों (जैसे ब्रिटिश पेंशन फंड और इंश्योरेंस कंपनियाँ) को आकर्षित करना।
नीति सुधार: स्टॉक एक्सचेंज में सुधार और नियमों में ढीलापन।
डिजिटल प्लेटफॉर्म: बेहतर ट्रेडिंग टूल्स और रियल-टाइम डेटा से लिक्विडिटी में सुधार।
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