हाल ही में, RBI ने रेपो रेट में कटौती की है जिससे लोन लेना सस्ता हो गया हैं। रेपो रेट में कटौती के बाद अधिकांश भारतीयों के मन में यह प्रश्न आ रहा है कि ये होम लोन लेने का सही समय है? (Is this the right time to take a home loan?) इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि रेपो रेट कम होने से होम लोन की किश्तों पर क्या बदलाव आएगा और क्या ये सही समय है होम लोन लेने (Is this the right time to take a home) का ?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिससे यह 6.50% से घटकर 6.25% हो गई है। यह कदम होम लोन उधारकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है, क्योंकि इससे उनकी मासिक ईएमआई और लोन के कार्यकाल में कमी आने की उम्मीद है।
Is this the right time to take a home?
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर होम लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है। यदि बैंक इस 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती को पूरी तरह से अपने ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, तो होम लोन की ब्याज दरों में कमी आएगी, जिससे मासिक ईएमआई में भी कमी होगी।
उदाहरण के लिए, यदि किसी ने 20 वर्षों के लिए ₹50 लाख का होम लोन लिया है और वर्तमान ब्याज दर 8.75% है, तो ईएमआई ₹44,186 होगी। रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद, नई ब्याज दर 8.50% हो जाएगी, जिससे ईएमआई घटकर ₹43,391 हो जाएगी। इस प्रकार, मासिक ईएमआई में ₹795 की बचत होगी, जो वार्षिक आधार पर ₹9,540 की बचत के बराबर है।
New Home Loan interest Rate Feburary 2025
Lender | Interest Rate (p.a.) |
---|---|
State Bank of India | 8.50% – 9.85% |
HDFC Bank | 8.75% onwards |
ICICI Bank | 8.75% onwards |
Bank of Baroda | 8.40% – 10.90% |
Punjab National Bank | 8.40% – 10.25% |
Axis Bank | 8.75% – 13.30% |
Kotak Mahindra Bank | 8.75% onwards |
Bajaj Housing Finance | 8.50% onwards |
LIC Housing Finance | 8.50% – 10.75% |
Federal Bank | 8.80% onwards |
IDFC First Bank | 8.85% onwards |
PNB Housing Finance | 8.50% – 14.50% |
Tata Capital Housing Finance | 8.75% onwards |
L&T Finance | 8.65% onwards |
Standard Chartered Bank | 8.95% onwards |
Godrej Housing Finance | 8.55% onwards |
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लोन के कार्यकाल पर प्रभाव:
मौजूदा होम लोन उधारकर्ता अपनी ईएमआई को समान रखते हुए लोन के कार्यकाल को कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने ₹50 लाख का लोन 20 वर्षों के लिए 9% ब्याज दर पर लिया है, तो 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद, लोन का कार्यकाल लगभग 10 महीने कम हो सकता है, जिससे कुल ब्याज में लगभग ₹4.40 लाख की बचत होगी।
बैंकों द्वारा लाभ का हस्तांतरण:
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रेपो रेट में कटौती का लाभ उधारकर्ताओं तक पहुंचने में कुछ समय लग सकता है, क्योंकि यह बैंकों की आंतरिक नीतियों और लोन रीसेट चक्र पर निर्भर करता है। इसलिए, उधारकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने संबंधित बैंकों से संपर्क करके नई ब्याज दरों और ईएमआई में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
निष्कर्ष:
आरबीआई की इस दर कटौती से होम लोन उधारकर्ताओं को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ मिलेगा। मासिक ईएमआई में कमी और लोन के कार्यकाल में संभावित कमी से उधारकर्ताओं की कुल ब्याज लागत में कमी आएगी, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
1. रेपो रेट क्या है?
2. रेपो रेट में कटौती से होम लोन ईएमआई कैसे प्रभावित होती है?
3. क्या सभी बैंक रेपो रेट कटौती का लाभ तुरंत प्रदान करते हैं?
4. क्या मौजूदा होम लोन उधारकर्ता भी इस कटौती का लाभ उठा सकते हैं?
5. क्या यह होम लोन लेने का सही समय है? / Is this the right time to take a home loan?
6. क्या रेपो रेट में और कटौती की उम्मीद है?
7. क्या फिक्स्ड रेट होम लोन उधारकर्ताओं पर इसका असर होगा?
8. क्या रेपो रेट में वृद्धि होने पर ईएमआई बढ़ेगी?
9. क्या लोन रीसेट चक्र क्या होता है?
10. क्या होम लोन ट्रांसफर करना फायदेमंद है?