क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया, 2024 में क्रिप्टो में निवेश से पहले इसे जरूर पढ़ें

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया अभी भी जारी है | वर्ष 2024 क्रिप्टो करेंसी के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित हो रहा है लेकिन भारतीय निवेशकों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है |

जहां इस साल की शुरुआत से ही बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टो टोकंस में काफी उछाल देखने को मिला है वही भारतीय सरकार के हाल ही में लिए गए फैसलों के कारण भारतीय निवेशकों की परेशानियों में भी उतना ही उछाल देखने को मिला है |

एक तरफ अमेरिका जैसे देश का मानना है की आजकल के युवा क्रिप्टो करेंसी से काफी प्रभावित हैं और इसमें काम ली जाने वाली तकनीक काफी आधुनिक है और इसी के चलते अमेरिका की  SEC एजेंसी ने बिटकॉइन ETF को भी मंजूरी दी है |

इसके अलावा जापान जैसे देश अपने नागरिकों के रिटायरमेंट फंड के लिए कुछ हिस्सा अभी से बिटकॉइन में निवेश करने की घोषणा कर चुका है और EL Salvador जैसे देश तो बिटकॉइन को राष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल कर रहे है वही दूसरी और भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी पर एक के बाद एक कार्यवाही कर रही है |

हाल ही के कुछ समय में क्रिप्टो करेंसी को लेकर दुनिया के देशों में काफी सकारात्मक विचारधारा देखने को मिली है और ये देश क्रिप्टो करेंसी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए निवेश भी कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार की विचारधारा इसके एकदम उलट दिख रही है |

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया जारी :-

वर्ष 2022 में पहली बार भारत सरकार ने क्रिप्टो बिल लाते हुए क्रिप्टो करेंसी से कमाए जाने वाले लाभ पर 30% टैक्स लागू कर देती है और इसके साथ हर ट्रेड पर 1% TDS कर भी लागू करती है |

इस फैसले से कई निवेशक क्रिप्टो करेंसी में या तो निवेश करना ही बंद कर देते हैं और बाकी निवेशक भारतीय एक्सचेंज को छोड़कर विदेशी एक्सचेंज पर ट्रेड्स करना शुरू कर देते हैं |

यह फैसला भारत सरकार की तरफ से क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ लिया गया सबसे बड़ा फैसला माना गया है | भारत सरकार वर्ष 2016 से क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनी जारी कर रही है और इसमें निवेश न करने की सलाह दे रही है|

क्रिप्टो टैक्स के बाद अधिकांश भारतीय एक्सचेंज भी अब देश के बाहर जा चुके हैं और वहीं से अपने एक्सचेंजेज को चला रहे हैं जिससे निवेशकों के पैसों को खतरा पैदा हो चुका है |

हाल ही में दिसंबर 2023 में फिर से भारत सरकार ने 9 विदेशी एक्सचेंज के खिलाफ FIU नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन नही करने के कारण उनके URL और ऐप्स को हटाने की कार्यवाही की थी | जिसके बाद विदेशी एक्सचेंज पर ट्रेड करने वाले निवेशक घबरा गए हैं |

ऐसे फैसले के नतीजन दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज में से एक OKX एक्सचेंज और कोइनबेस एक्सचेंज भारत छोड़कर जा चुके हैं और कुछ चुनिंदा एक्सचेंज ही भारत में संचालित है |

इन चुनिंदा एक्सचेंज में बाइनेंस और बायबिट जैसे एक्सचेंज है जो कब मजबूरन भारत छोड़ दे किसी को पता नही है |

आरबीआई के भूतपूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल में कई बार क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनी जारी की थी और क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा डिपोजिट में UPI के इस्तेमाल को भी बंद कर दिया था जिससे कई भारतीय एक्सचेंज पर पैसों का डिपोजिट रुक गया था |

वर्तमान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी समय समय पर क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते रहते हैं जिससे क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया सामने आता है |

विदेशी एक्सचेंज के अलावा कोई भी ऐसा भारतीय एक्सचेंज नही है जो इन एक्सचेंज की बराबरी कर सके या भारतीय निवेशकों को इन विदेशी एक्सचेंज जितनी अच्छी सुविधा दे सके | भारत का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज Wazirx भी इसमें हमेशा से विफल ही नजर आया है |

Wazirx एक्सचेंज में ट्रेड करते समय एक निवेशक को होने वाली परेशानियों और आने वाली खामियों के बारे में जानने के लिए क्लिक करें |

यदि क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया इसी तरह रहा तो जल्द ही दुनिया के टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज भारत को छोड़कर जा सकते हैं |

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया पिछले 8 वर्षो में ऐसा ही रहा है लेकिन भारतीय निवेशकों को उम्मीद है की जल्द ही भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी पर लगने वाले टैक्स को कम कर सकती है |

भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक पी. वासुदेवन ने यहां आईआईएम-कोझिकोड द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, “क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं होता।”

पी. वासुदेवन के इस बयान से भी आरबीआई के साथ साथ क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया फिर से सामने आया है |

भारत के क्रिप्टो करेंसी का भविष्य :-

भारत में वर्तमान स्थिति के अनुसार बाकी देशों की तुलना में हालात न बल्कि खराब है जबकि चिंताजनक है| क्योंकि सरकार की सख्ती और टैक्स जैसे नियमों के बाद किसी भी एक्सचेंज का भारत में संचालित हो पाना काफी मुश्किल है|

इन्ही कारणों से न केवल विदेशी बल्कि खुद भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज भी निवेशकों को अच्छी सुविधा नहीं दे पा रहे हैं|भारत का सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज माने जाने वाला wazirx एक्सचेंज भी कई बार अपनी खराब सर्विस के कारण सुर्खियों में रहता है |

इसलिए भारत में क्रिप्टो करेंसी निवेशकों की संख्या में उम्मीद से कम इजाफा देखने को मिल रहा है जहां दुनिया भर में निवेशक जोरों शोरों से इस नई तकनीक को अपना भी रहे हैं और इसमें निवेश भी कर रहे हैं लेकिन अभी भी भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर हालात संदेहजनक है|

यदि क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया इसी तरह जारी रहा तो बेशक न केवल इस क्षेत्र में नए निवेशक आने से डरेंगे बल्कि पुराने निवेशकों की संख्या में भी कमी देखने को मिल सकती है|

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया न सिर्फ भारतीय निवेशक बल्कि क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच भी डर बनाएं हुए हैं |

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया होने के कारण एक के बाद एक विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज भारत छोड़कर जा रहे हैं |

भारत में क्रिप्टो करेंसी निवेशकों की मुसीबतें :-

  1. क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया|
  2. भारत सरकार द्वारा 30% फ्लैट + 1% TDS टैक्स|
  3. अच्छे स्वदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज की कमी|
  4. देश में क्रिप्टो करेंसी को लेकर जागरूकता में कमी |
  5. लोगो का इस क्षेत्र और तकनीकी से दूरी बनाना |

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Disclaimer :- इस लेख क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का सख्त रवैया में दी गई जानकारी केवल जानकारी के लिए है। इसे निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए. कोई भी निवेश करने से पहले आपको निवेश सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए। कैश खबर निवेश से जुड़े किसी भी मामले में जिम्मेदार नहीं है |

 

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