देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन डिजिटल लेनदेन वाली कंपनियों में से एक पेटीएम कंपनी आज बहुत बड़ी मुसीबत में फंसी हुई दिखाई दे रही है| RBI द्वारा एक के बाद एक लगाए गए जुर्मानो के बाद अब अंततः 6 फरवरी 2023 को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक समेत पेटीएम की कई सर्विसेज को बंद करने का आदेश दे दिया था |
यही नहीं पेटीएम कंपनी के संस्थापक और सीईओ चंद्र शेखर शर्मा को भी अपने सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ गया है उनकी जगह सुरिंदर चावला पेटीएम कंपनी के नए सीईओ नियुक्त किए गए हैं |
आज caskhabar के इस आर्टिकल में हम पेटीएम के आसमान से जमीन तक गिरने की पूरी यात्रा के बारे में बात करने वालें है और जानेंगे की आखिर पेटीएम कंपनी ने ऐसी कौनसी गलतियां की थी जिसके आज RBI ने पेटीएम कंपनी पर प्रतिबंध लगाया और पेटीएम आज इतनी बड़ी मुसीबत में आ गया |
पेटीएम कंपनी की स्थापना और शुरुआत :
पेटीएम कंपनी की स्थापना 2010 में पूर्व CEO विजय शेखर शर्मा द्वारा one97 कम्युनिकेशंस के तहत हुई थी तब पेटीएम कंपनी मोबाइल रिचार्ज जैसी सेवाएं देने के लिए प्रचलित था हालांकि कुछ समय बाद कंपनी द्वारा धीरे धीरे अन्य सेवाएं जैसे बिजली बिल, पानी बिल जैसी सुविधा भी दी जाने लगी |
2017 में अगर आपको याद हो पेटीएम के पूर्व सीईओ फाउंडर विजय शेखर शर्मा का यह वीडियो बड़ा वायरल हुआ था जिसमें उनके द्वारा बहुत ही ज्यादा एक्साइटमेंट में चिल्ला चिल्ला कर पेटीएम की सफलता का जश्न मना रहे थे तब उन्होंने कहा था जो लोग हमारे साथ नहीं है वह बाद में रोएंगे लेकिन अफसोस 7 साल बाद आज के दिन हालात कुछ और ही है |
पेटीएम कंपनी की बर्बादी के प्रमुख कारण :
7 साल बाद आज हालात पूरी तरीके से बदल चुके है जो लोग पेटीएम के साथ है वह डरे हुए हैं | पिछले कुछ दिनों में भयंकर तरीके से इस कंपनी का क्रैश देखने को मिला है |
18 नवंबर 2021 को जब पेटीएम कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हुई तब इसका शेयर 1782 रूपये पर लिस्ट हुआ था और 15 फरवरी को इसका एक शेयर का भाव लगभग 325 तक भी पहुंच गया था यानी लिस्ट होने के समय की तुलना में इसके शेयर में लगभग 82% की गिरावट आ गई थी |
आखिर क्या कारण है इसमें इतनी गिरावट का ? पेटीएम की कहानी की शुरुआत हुई थी साल 2010 में लेकिन शुरुआत में यह सिर्फ एक मोबाइल रिचार्जिंग का प्लेटफार्म हुआ करता था एक ऐसी ऐप जिसके जरिए आप अपना फोन रिचार्ज करते थे और लैंडलाइन बिल का पेमेंट भरते थे |
कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी ऐप में और फीचर्स डालें और उसके बाद जनवरी 2014 में कंपनी में पेटीएम वॉलेट लॉन्च किया इसके जरिए आप ऑनलाइन पे कर सकते थे | पेटीएम का इस्तेमाल करके 2015 तक आते-आते मेट्रो के रिचार्ज इलेक्ट्रिसिटी गैस और पानी की बिल की पेमेंट करना भी संभव हो गया |
पेटीएम की सफलता सातवें आसमान पर 8 नवंबर 2016 को पहुंची जब देश में डिमॉनेटाइजेशन यानी नोटबंदी की घोषणा की गई | नोटबंदी के अगले ही दिन देश भर के ढेर सारे अखबारों में फ्रंट पेज पर पेटीएम की तरफ से बड़े बड़े विज्ञापन जारी किए गए |
नोटबंदी के फैसले से पेटीएम को बहुत बड़ा फायदा हुआ इस एक फैसले की वजह ही पेटीएम के सक्रिय यूजर बढ़ गए नोटबंदी से पहले पेटीएम के पास 125 मिलियन कस्टमर थे लेकिन कुछ ही समय बाद 185 मिलियन तक पहुंच गए |
पेटीएम के पूर्व CEO विजय शेखर शर्मा ने भी इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी | पेटीएम ने 10000 से ज्यादा एजेंट को काम लगाया कि वह अपने QR कोड्स को लोकल दुकानों और वेंडर्स के पास जाकर दे और हर शहर में दुकानदारों को कहा गया कि सभी पेटीएम का इस्तेमाल करो |
कंपनी की ग्रोथ बहुत अच्छी चल रही थी लेकिन इसी समय में दो-तीन विवाद भी खड़ी हो जाते हैं |
1. पहला था पेटीएम का चीनी संबंध :
साल 2015 में अलीबाबा नाम की चीनी कंपनी ने 680 मिलियन डॉलर्स पेटीएम में इन्वेस्ट किया और 40% हिस्सेदारी पेटीएम कंपनी का इस चीनी कंपनी के हाथों में चला गया | यही नहीं अलीबाबा कंपनी के फाउंडर जैक मैन को विजय शेखर शर्मा ने अपना हीरो भी बताया था |
इन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि “आई एम टोटली इंटरेस्टेड इन चाइना अलीबाबा एंड जैक मा ऑल थ्री थिंग्स” | हाल ही में इंडिया और चीन के संबंधों की कहानी तो आप जानते ही हो की चीन बार-बार इंडियन बॉर्डर पर दावे किया जा रहा हैं |
2017 में डोकलाम बॉर्डर स्टैंड ऑफ हुआ था तब कई लोगों ने पेटीएम को क्रिटिसाइज किया था यानी भला बुरा कहा था कि कंपनी सामने सामने से बड़ा देशभक्त बनती है जब लोगों कुछ बेचना होता है लेकिन पीछे-पीछे से चीनी फंडिंग ले रखी है |
इन्ही आलोचनाओं के चलते कंपनी ने 2023 में करीब 10% हिस्सेदारी पूर्व CEO विजय शेखर शर्मा ने खुद वापस अपने आप को ट्रांसफर कर ली और चीनी कंपनी के इसके बाद लगभग 13.5% हिस्सेदारी ही कंपनी में रखी |
2. कोबरा पोस्ट के इंटरव्यू से :
2018 में अगली कंट्रोवर्सी पेटीएम को लेकर न्यूज़ एजेंसी कोबरा पोस्ट ने एक गुप्त यानी अंडरकवर ऑपरेशन चलाया जिसमे वो पेटीएम कंपनी के vice president अजय शेखर शर्मा से मिलने गए जो की विजय शेखर शर्मा के भाई हैं |
इस बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या आप हमारी पॉलीटिकल पार्टी का प्रोपेगेंडा फैलाओगे तब उन्होंने इस इंटरव्यू में काफी विवादित बयान दिए जिसमें यूजर्स का पर्सनल डाटा सरकार के साथ सांझा करना और ऐसे ही कई बयान दिए गए |
हालांकि इससे कंपनी को ज्यादा नुकसान नही हुआ और कंपनी अच्छी तरह से विकास करती रही |
2017 में पेटीएम ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लॉन्च की जिसमे उन्होंने बैंकिंग सर्विसेज देना शुरू कर दी | ये पेमेंट बैंक कुछ मायनों में एक बैंक की तरह ही था जहां पर आप अपना एक बैंक अकाउंट बना सकते हो पैसे डिपाजिट कर सकते हो डेबिट कार्ड ले सकते हो लेकिन एक नॉर्मल कमर्शियल बैंक की तुलना में कुछ बड़े महत्वपूर्ण अंतर होते हैं |
ज्यादातर पेमेंट बैंक्स डिजिटल सर्विसेज पर आधारित होते हैं और इनकी बहुत कम फिजिकल ब्रांचेस होती है पेमेंट बैंक्स की और आरबीआई के रूल्स के अनुसार पेमेंट्स बैंक्स क्रेडिट कार्ड और लोन की सुविधा ऑफर नहीं कर सकते जो नॉर्मल कमर्शियल बैंक्स करते हैं जैसे की एचडीएफसी बैंक मैं डिपॉजिट करके रख सकते हैं लेकिन पेमेंट बैंक्स में एक लिमिट रखी गई है |
आरबीआई के नियमो के अनुसार आप इन बैंक में 2 लाख से ज्यादा पैसे डिपॉजिट करके नहीं रख सकते हो और सभी ऑनलाइन बैंको को आरबीआई के बनाए गए नियम और गाइडलाइंस को फॉलो करना पड़ता है |
3. पेटीएम पेमेंट बैंक में KYC नियमों की अनियमितता:
RBI द्वारा पेटीएम कंपनी पर लगाए गए प्रतिबंध का सबसे बड़ा कारण पेटीएम का पेमेंट बैंक ही है| RBI ने 31 जनवरी 2024 को पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा “ पेटीएम पेमेंट बैंक बार बार हमारे नियमो की अनदेखी कर रहा है ” |
- 29 फरवरी 2024 के बाद से पेटीएम का पेमेंट बैंक कोई नई डिपॉजिट्स एक्सेप्ट नहीं कर सकता था लेकिन बाद में RBI ने इस तारीख को 15 मार्च कर दिया था |
- इसके अलावा कस्टमर अकाउंट में पैसे नही डाल पाएंगे |
- नए कस्टमर की ऑनबोर्डिंग नही की जा सकती हैं यानी बैंक और नए ग्राहक नही जोड़ सकता है|
- आरबीआई ने कहा कि 15 मार्च 2024 तक बैंक में जितने भी नोडल अकाउंट्स बने हुए है उन सबको बंद होना चाहिए |
नोडल अकाउंट्स वह अकाउंट होते हैं जो यह ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सर्विसेज वाले बिज़नेस में इस्तेमाल किए जाते हैं और जहां तक बात रही पेटीएम वॉलेट कि आप अपना मौजूदा बैलेंस इस्तेमाल कर सकते हो लेकिन 15 मार्च के बाद से और कोई पैसे उसमें डाल नहीं सकता है |
आरबीआई की तरफ से और ऐसा फैसला एक झटके में नहीं लिया था बल्कि पेटीएम को सालो से बार बार चेतावनी देने और उस पर भरी भरकम राशि का दंड लगाने के बाद भी पेटीएम RBI के नियमो का पालन नहीं कर रहा था |
नवंबर 2017 में पेटीएम का पेमेंट बैंक लॉन्च हुआ था और जून 2018 में ही RBI की तरफ़ से बैंक को पहली चेतावनी दे दी गई थी | आरबीआई की तरफ से पाया गया की पेटीएम एंटी मनी लॉन्ड्रिंग रेगुलेशंस को ढंग से फॉलो नहीं कर रहा था और अपने ग्राहकों की पहचान को ढंग से वेरीफाई नहीं कर रहा था |
अपने ग्राहकों की KYC को ठीक तरीके से नहीं देखें जाने से RBI बार बार पेटीएम को चेतावनी दे रहा था लेकिन अंत में RBI ने बैंक को नए ग्राहक जोड़ने से मना कर दिया और कहा की पहले KYC नियमों का पालन किया जाए उसके बाद ही नए ग्राहक जोड़े जाए |
हालांकि इस बार पेटीएम द्वारा एक्शन लिया गया जिसके बाद 2019 में RBI ने PAYTM पेमेंट बैंक को दुबारा ग्राहक जोड़ने की अनुमति दे दी |
लेकिन करीब ढाई साल अक्टूबर 2021 में पेटीएम को अगला बड़ा झटका लगता है | पेटीएम पर एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया जाता है क्योंकि उन्होंने अपनी लाइसेंस एप्लीकेशन भरते वक्त गलत जानकारी भरी और गलत डॉक्यूमेंट दिए |
आरबीआई ने कहा की जिसको लेकर हमने पहले आपको वार्निंग दी थी कि कस्टमर को ढंग से वेरीफाई नहीं किया जा रहा है रेगुलेशंस को ढंग से फॉलो नहीं किया जा रहा है वही चीज दुबारा से देखने को मिल रही हैं और फिर से कस्टमर ऑन बोर्डिंग पर रोक लगाई जाती है |
अक्टूबर 2023 में पेटीएम पर RBI की तरफ से एक और बड़ा जुर्माना लगाया जाता है जिसमे पेटीएम के ऊपर 5 करोड रुपए का जुर्माना लगाया | 2 जुर्माने और 2 बार चेतावनी देने के बाद RBI को विश्वास था की शायद अब पेटीएम आरबीआई के नियमो को सही तरीके से फॉलो करेगा और अपने कस्टमर की वेरिफिकेशन ढंग से करना शुरू कर दे |
लेकिन ये सब होने के बाद भी पेटीएम कंपनी की तरफ से इन सभी बातो को गंभीरता से नहीं लिया गया और इन्ही कारणों से 31 जनवरी 2024 को RBI ने पेटीएम पर अनेकों प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए |
RBI द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक पर जांच पड़ताल शुरू की तो काफी चौकाने वाली जानकारी सामने आई थी | सीएनबीसी के अनुसार पेटीएम ने बिना KYC के लाखो कस्टमर्स को अकाउंट खोलने दिया |
जिसमे कुछ हजारों ऐसे भी केसेस मिले जहां पर हजार हजार कस्टमर ने एक ही pan card का इस्तेमाल करके अलग-अलग अकाउंट्स खोल रखें थे |
RBI द्वारा की गई जांच पड़ताल में कुछ अकाउंट तो ऐसे भी थे जिनमे करोड़ों रुपयों की ट्रांजैक्शंस देखी गई जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का जोखिम भी सामने आया | RBI द्वारा माना गया की हो सकता है इन अकाउंट्स से मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही |
पेटीएम कंपनी के पास करीब 35 करोड़ वॉलेट्स रजिस्टर्ड है जिनमें से 31 करोड़ वॉलेट इनैक्टिव पड़े हैं यानी इनका इस्तेमाल कोई नही कर रहा है और बचे हुए 4 करोड़ वॉलेट में भी बहुत ही कम ऐसे वॉलेट है जिनमे अभी पैसे है |
RBI द्वारा 31 जनवरी को की गई घोषणा के बाद जिन लोगो ने पेटीएम कंपनी में निवेश किया था उनके बीच अपने पैसों को लेकर दर पैदा हुआ और इसी डर के बीच लोगो ने कंपनी के शेयर्स को बेचना शुरू कर दिया जिससे पेटीएम के बहुत ही भरी गिरावट दर्ज की गई |
पेटीएम शेयर्स की बात की जाए तो फरवरी महीने में ही पेटीएम कंपनी के शेयर्स में लगभग 22% की गिरावट दर्ज की गई | हालांकि कुछ समय बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक का एक्सिस बैंक के साथ मिलकर UPI लेनदेन को जारी रखने की खबर सामने आई और उसके बाद इनके शेयर्स में कुछ रिकवरी देखने को मिली |
पेटीएम कंपनी और RBI के बीच लंबे समय से चल रही इस कसमकस के बाद पेटीएम कंपनी ने अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को खुद से अलग कर दिया है यानी अब पेटीएम और पेटीएम पेमेंट्स बैंक अलग अलग कंपनी की तरह काम करेगा |
पेटीएम पेमेंट बैंक वर्तमान में एक्सिस बैंक के साथ मिलकर अपने UPI लेनदेन को जारी रखने का कार्य कर रहा है जिसका फायदा ग्राहकों को मिल भी रहा है |
हालांकि इसके बाद भी पेटीएम कंपनी को राहत नहीं मिली है क्योंकि 29 फरवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर RBI की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 5.49 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है जो की RBI की तरफ से पेटीएम कंपनी पर तीसरी बार लगाया गया है |
पेटीएम कंपनी का भविष्य :
इकोनामिक टाइम्स से रिपोर्ट किया कि पेटीएम कंपनी के ही एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि इस घटना के बाद हो सकता है पेटीएम कंपनी अपना बिजनेस मॉडल बदल दे |
यदि हम पेटीएम बैंक की सालाना रिपोर्ट देखे की बैंक ने साल दर साल कितने रुपए का मुनाफा या नुकसान उठाया है तो इस रिपोर्ट में आप देख सकते हैं की वित्तीय वर्ष 2021 में कंपनी ने लगभग 1600 करोड़ रूपए का नुकसान उठाया है |
वित्तीय वर्ष 2022 में ये नुकसान काम होकर 1518 करोड़ का था लेकिन अच्छी बात ये थी कि वित्तीय वर्ष 2023 में ये सिर्फ 176 करोड़ पर आ गया था और कयास लगाए जा रहे थे की इस साल यानी वित्तीय वर्ष 2024 में पेटीएम कंपनी अपना पहला मुनाफा कमाएगी |
लेकिन RBI द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और जुर्मानों के बाद खुद कंपनी के पूर्व सीईओ चंद्र शेखर शर्मा ने कहा था की इससे कंपनी को इस साल 500 करोड़ तक का नुकसान हो सकता है| पूर्व सीईओ चंद्र शेखर शर्मा के इस बयान से कंपनी के शेयर और गिर गए |
हाल फिलहाल कम्पनी के सामने सबसे बड़ा चैलेंज रहेगा की पेटीएम कंपनी अपने पुराने बैंक ग्राहकों को वापिस लेकर आए लेकिन इतना आसान नहीं होने वाला है |
भारत जैसे देश में जहा लोग एक बार किसी कंपनी का टूथपेस्ट इस्तेमाल करने लग जाते हैं तो उसको भी नही बदलते हैं फिर यहां तो बैंक बदलने की बात हो रही हैं |
पेटीएम कंपनी के पास अब एक उम्मीद ये बची है की कोई दूसरी कंपनी आकर पेटीएम के वॉलेट बिजनेस को खरीद ले | बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट बताती है कि एचडीएफसी बैंक और जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज शायद यहां पर पेटीएम वॉलेट को खरीदने में दिलचस्पी दिखाए |
लेकिन जिओ ने कहा है कि उनका ऐसा कुछ भी करने का कोई इरादा नहीं है और हालांकि अगर कोई कंपनी पेटीएम पेमेंट बैंक या वॉलेट सर्विसेज को खरीदने के लिए आगे आती भी है तो उन्हें इसके लिए RBI की अनुमति की जरूरत पड़ेगी और वर्तमान हालातो को देखते हुए ऐसा होना मुमकिन नहीं लगता है |
पेटीएम कंपनी के शेयर्स में फिलहाल कुछ समय से संभला जरूर है और उम्मीद लगाए जा रही है की यदि पेटीएम कंपनी जल्दी आरबीआई के नियमो को पूरी तरह से मानते हुए अपनी गलतियों के सुधार कर लेती है तो आने वाले भविष्य में कंपनी के शेयर प्राइस जल्दी 500 रूपये से ऊपर देखे जा सकते हैं|
Disclaimer :- इस लेख में दी गई जानकारी केवल जानकारी के लिए है। इसे निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए | कोई भी निवेश करने से पहले आपको निवेश सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए। कैश खबर निवेश से जुड़े किसी भी मामले में जिम्मेदार नहीं है |
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