भारत की सबसे बड़ी एडटेक कंपनियों में में से एक Byju’s के इन्वेस्टरर्स की आज मीटिंग हुई जिसमें कंपनी के फाउंडर और सीईओ रविंद्रन बायजू और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजु रविंद्रन को बोर्ड से हटा दिया गया है | मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 23 फरवरी को जनरल मीटिंग में यह फैसला लिया गया है |
कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26 प्रतिशत शेयरिंग थी, वहीं सूत्रों के मुताबिक जनरल अटलांटिक, प्रोसेस और पिक एक्स्वी कई ब्लू चिप इन्वेस्टर्स ने इस मीटिंग में रवींद्रन और उनकी पत्नी के साथ फैमिली को हटाने के लिए समर्थन में वोट दिया था |
लगभग आदि से भी ज्यादा शेयर होल्डिंग वाले निवेशको ने कंपनी में लीडरशिप और गवर्नेंस के बदलाव में समर्थन को पारित करने के पक्ष में वोट किया था | इन्वेस्टर्स ने रवींद्रन की लीडरशिप वाले मैनेजमेंट में फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट और हाल ही में Byju’s में चल रही समस्याओं की वजह से यह फैसला लिया है |
इस मीटिंग में शामिल निवेशको के पास Byju’s कंपनी का लगभग एक तिहाई शेयर होल्डिंग है | वहीं कंपनी में रविंद्र और उनकी फैमिली की भी Byju’s में लगभग एक चौथाई हिस्सेदारी है | रविंद्रन को इस लीडरशिप से हटाने का सबसे प्रमुख कारण फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट को माना गया है|
आखिर Byju’s से रविंद्रन को क्यों हटाया गया :
- हाल ही में कुछ समय से Byju’s कंपनी के फाउंडर रविंद्रन के खिलाफ कहीं अलग-अलग लीगल फर्म से अलग-अलग नोटिस जारी किए गए हैं जहां पर Byju’s कंपनी की रेवेन्यू लगातार गिर रही थी और कंपनी में चल रहे फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट को देखते हुए मौजूदा बोर्ड ने यह निर्णय लिया है |
- इसके अलावा कंपनी के लीगल राइट्स को लागू करने में और मैनेजमेंट की विफलता और कंपनी की वैल्यू में गिरावट इसके पीछे का सबसे महत्वपूर्ण कारण है |
- इसके अलावा इन सभी जानकारी को बोर्ड मेंबर से छुपाया जाना भी इसका सबसे बड़ा कारण बता रहा है जहां पर रविंद्र पर आरोप लग रहे हैं कि कंपनी की वैल्यू में गिरावट जैसी जानकारी को उन्होंने निवेशकों से छुपाया था |
Byju’s के निवेशकौ ने मैनेजमेंट के खिलाफ केस किया :
बैंगलोर में स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की पीठ में Byju’s के लगभग चार इन्वेस्टर के ग्रुप ने कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ केस भी रजिस्टर करवाया है इन्वेस्टर ने एनसीएलटी से कंपनी के फाउंडर रविंद्रन सहित कंपनी को चलाने वाले लोगों को उनके पद से अयोग्य घोषित करने और नया बोर्ड नियुक्त करने की मांग भी की है |
इसके अलावा इस केस में निवेशकों ने कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट और राइट्स को निष्कासित घोषित करने की मांग भी की है |
इसके संदर्भ में बीजू’एस के मेंबर्स ने कहा है कि एनसीएलटी में ऐसी किसी भी केस के बारे में अभी तक उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है और कंपनी से अफवाह है मान रही है अगर ऐसी कोई याचिका दाखिल की गई है तो कानून और उसकी प्रक्रिया के मुताबिक इसका जवाब जरूर दिया जाएगा |
यही नहीं बायजु के फाउंडर रवींद्रन की मुश्किलें इसके अलावा ED ने भी बढ़ा दी है कुछ समय पहले ही ED ने ब्यूरो आफ इमीग्रेशन से बायजुस के फाउंडर रविंद्र के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने की मांग की है इसके जरिए एजेंसी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि रविंद्र देश से बाहर नहीं जाए |
ED ने भी बढ़ाई Byju’s की दिक्कतें :
ED द्वारा बायजूस के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) नियम का उल्लंघन करने के मामले में जांच कर रही है इस केस में 3 महीने पहले परिवर्तन निदेशालय ने रवींद्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को 9000 करोड रुपए का नोटिस जारी किया था |
इसके बाद ED के अनुसार बायजूस ने बताया कि उसने भारत के बाहर भी निवेश किया है जो की कानूनी रूप से फेमा 1999 के नियमों का उल्लंघन है इसे भारत सरकार को नुकसान हुआ है |
दिन पर दिन बायजूस की बढ़ती समस्याओं में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी बायजूस के खिलाफ दिवालिया होने की कार्रवाई शुरू की है बायजूस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा लगभग 158 करोड रुपए के पेमेंट में चुक का आरोप है |
अन्य महत्त्वपूर्ण ख़बरें :
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य : 2024 में क्रिप्टो में निवेश से पहले ये जरूर जान लें !