दोस्तों पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो करेंसी में निवेश के मामले में भारत प्रथम स्थान पर आता है जहां 100 मिलियन यानी 10 करोड़ से भी ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है | ऐसे में अभी भी भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य और संभावनाएं स्पष्ट नहीं है |
जहां बिटकॉइन ETF को SEC द्वारा मंजूरी मिलने के बाद क्रिप्टो निवेशकों में उत्साह देखने को मिल रहा है लेकिन ठीक इसी के विपरित भारत सरकार ने 9 विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज को बैन करके crypto निवेशकों को झटका दे दिया है | ऐसे में भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या होने वाला है ये सवाल फिर से निवेशकों के जहन में उठने लगा है|
इस आर्टिकल के माध्यम से दोस्तों हम यही जानने की कोशिश करेंगे की भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य कैसा होने वाला है ? क्या क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना सुरक्षित रहेगा या नही ?
1. भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य तय करने वाले महत्वपूर्ण कारक :-
दोस्तों पिछले 3 सालो में यदि हम भारतीय सरकार का क्रिप्टो करेंसी के प्रति रवेये को देखे तो वो कुछ खास अच्छा नही रहा है जहां सरकार ने 30% टैक्स के साथ साथ 1% TDS जैसे भारी भरकम टैक्स क्रिप्टो निवेशकों पर थोप दिए हैं ऐसे ही सभी तथ्यों के बारे में जान लेते हैं जो भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य तय करने वाले हैं :
1. 9 विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज पर बैन : दोस्तों भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए कोई भी ऐसा एक्सचेंज नही है जो विदेशी एक्सचेंज जैसे Binance, Bybit, coinbase जैसे एक्सचेंज का अनुभव देते हैं | भारत के अधिकतर निवेशक क्रिप्टो में निवेश के लिए इन्ही एक्सचेंज का उपयोग करते थे |
लेकिन हाल ही में भारतीय सरकार ने money laundering act 2002 के तहत Binance,bitstamp,kucoin,huobi,MEXC global,kraken,gate.io,bitfinex and bittrex को भारत में बैन कर दिया गया है जिसमें इन एक्सचेंज के एप्लीकेशन को प्ले स्टोर और ios store से हटा दिया गया है और इनके URL को भी बैन कर दिया गया है |
अभी तक यह बैन एक तरह से shadow ban की तरह है यानी अभी तक इन एक्सचेंज पर पूरी तरह से बन नही लगा है लेकिन तय समय से पहले यदि ये एक्सचेंज सरकार के नियम और शर्तों को पूरा नहीं करते हैं तो इन पर संपूर्ण बैन भी लग सकता है|
ऐसे में भारतीय निवेशक इन एक्सचेंज पर निवेश करने से घबरा रहे हैं और उन्हें मजबूरन अपना पैसा भारतीय एक्सचेंज पर ट्रांसफर करना पड़ रहा है |
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2. इंडियन क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा high Trading fees :- दोस्तों विदेशी एक्सचेंज निवेशकों को ट्रेडिंग के लिए बहुत ही कम Trading fee लेते हैं जिसमें Binance और bybit जैसे बड़े बड़े एक्सचेंज भी सिर्फ 0.1% maker और Taker fees चार्ज करते हैं |
लेकिन भारतीय एक्सचेंज के साथ ऐसा नहीं है क्योंकि भारतीय एक्सचेंज अपनी मनमानी करते हुए 0.5% तक की ट्रेडिंग Fee लेते हैं जो की विदेशी एक्सचेंज के मुकाबले में 5 गुना ज्यादा है | ऐसे में न तो सरकार इन एक्सचेंज के खिलाफ कोई लीगल एक्शन लेती हैं और न ही ये एक्सचेंज यूजर्स के फीडबैक को ज्यादा तव्वजों देते हैं |
विदेशी एक्सचेंज के मुकाबले 5 गुना ज्यादा ट्रेडिंग fee भी भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को भारतीय एक्सचेंज पर ट्रेड करने में मुश्किल पैदा कर रहा है|
3. भारतीय सरकार द्वारा 30% टैक्स + 1% TDS :- भारत सरकार ने 2021 में क्रिप्टो करेंसी को भारत में रेगुलेट करते हुए क्रिप्टो करेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30% का फ्लैट टैक्स घोषित किया था जिसके बाद से ही क्रिप्टो निवेशकों में सरकार के इस फैसले के प्रति नाराजगी है |
क्योंकि 30% टैक्स सामान्य से काफी ज्यादा है इसके अलावा सरकार ने क्रिप्टो करेंसी में की जाने वाली हर ट्रेड पर भी 1% का TDS घोषित किया था यानी जब आप किसी भी टोकन में खरीददारी करते हो तब आपको 1% और जब आप उसे बेचते हो तब फिर से 1% टैक्स यानी कुल मिलाकर 2% TDS निवेशकों को टैक्स के रूप में देना पड़ रहा है |
इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या क्रिप्टो निवेशकों के लिए टैक्स को लेकर ये बनी हुई है की निवेशकों को हर प्रॉफिट बुकिंग का 30% फ्लैट टैक्स देना पड़ता है लेकिन यदि उनकी कोई ट्रेड नुकसान में रहती है तो वो नुकसान आगे टैक्स में गिना नही जायेगा |
आसान भाषा के कहे तो प्रॉफिट पर आपको टैक्स देना है लेकिन यदि आपको किसी भी तरह से नुकसान होता है तो आपको उसके लिए टैक्स में कोई भी छूट नहीं मिलेगी |
4. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा कम liquidity प्रदान करना : दोस्तों जिसको लिक्विडिटी शब्द का मतलब नही पता है उनको बता दे कि जब आप बहुत बड़ी मात्रा में कोई भी ऑर्डर लगाते हैं तब उस टोकन के प्राइस में उछाल या गिरावट देखने को मिलती हैं ऐसे में जिस प्राइस पर आपने खरीदने या बेचने के लिए ऑर्डर लगाया है आपको उसी प्राइस में वो ऑर्डर पूरा हो जाए |
उदाहरण से समझे तो जैसे की आपने बिटकॉइन को खरीदने के लिए आपने 50000$ पर एक ऑर्डर दिया है और आपने इस ऑर्डर में काफी ज्यादा पैसा लगाया है ऐसे में यदि आपका एक्सचेंज अच्छी लिक्विडिटी देता है तो आपका ऑर्डर 50000$ पर ही पूरा हो जाएगा और यदि आपका एक्सचेंज अच्छी लिक्विडिटी प्रदान नही करता है|
तो आपके ऑर्डर लगाते ही प्राइस में उछाल आएगा और आपको वो ऑर्डर 50000$ के बजाय उससे ज्यादा भाव पर मिलेगा जिससे निवेशक को नुकसान होता है|
ऐसे में इंडियन एक्सचेंज के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है जैसे ही इन एक्सचेंज पर कोई बड़ा ट्रेडर जब ऑर्डर प्लेस करता है तब उसे उसी भाव में वो ऑर्डर नही मिलता है | ऐसे में चाहे ट्रेडर किसी टोकन को बेचे या खरीदे उसे दोनों ही स्थिति में नुकसान होता है |
भारतीय एक्सचेंज जहां ट्रेडर्स से भारी भरकम फीस वसूल करते हैं लेकिन इन एक्सचेंज से निवेशकों को अच्छी लिक्विडिटी भी प्रदान नही कर रहे हैं |
यदि हम सिर्फ भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर नजर डाले तो साफ तौर पर कहा जा सकता हैं कि भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य आने वाले समय में कुछ खास अच्छा प्रतीत नहीं होता है|
5. क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा withdrawal और डिपॉजिट्स को बंद करना : क्रिप्टो एक्सचेंज और भारतीय सरकार द्वारा निवेशकों पर थोपे गए भारी भरकम टैक्स और क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा मनमानी ट्रेडिंग फीस वसूलने के बावजूद भी क्रिप्टो में निवेश करना भारतीय निवेशकों के लिए आसान नहीं है |
क्योंकि क्रिप्टो एक्सचेंज अपनी मर्जी से क्रिप्टो टोकन के डिपॉजिट और विड्रॉल को बंद कर देते हैं जिसके कारण निवेशक न तो अपने क्रिप्टो टोकन को किसी डिसेंट्रलाइज्ड वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते है और न ही उन्हें withdraw कर पाते हैं |
6. एक्सचेंज पर टोकेंस के प्राइसेज में अंतर : दोस्तों क्रिप्टो करेंसी मार्केट में जब भी बड़ी गिरावट या उछाल देखने को मिलती हैं तब तब अक्सर ये देखा जाता है कि अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज के मुकाबले भारतीय एक्सचेंज पर टोकन के प्राइस में काफी अंतर देखने को मिलते हैं|
ऐसे में यदि कोई निवेशक अपना फंड जब अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज से भारतीय एक्सचेंज पर ट्रांसफर करते हैं तब उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ जाता है|
7. सरकार का क्रिप्टो करेंसी मार्केट के प्रति रवैया : भारतीय सरकार ने अभी तक क्रिप्टो करेंसी को लेकर कभी भी सकारात्मक रवैया नहीं दिखाया है|
हाल ही में अमेरिका के SEC द्वारा बिटकॉइन ETF को दी गई मंजूरी के बाद निवेशकों को भारतीय सरकार से भी क्रिप्टो करेंसी में लगने वाले टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ |
जबकि इसके उलट RBI के गवर्नर ने कहा कि जरूरी नहीं की जो चीज़ अमेरिका के मार्केट के लिए अच्छी है वो भारतीय मार्केट के लिए भी अच्छी हो इससे साफ तौर पर देखा जा सकता है की भारतीय सरकार अभी भी क्रिप्टो करेंसी को लेकर सकारात्मक नही है ऐसे में भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य कुछ ज्यादा अच्छा नज़र नही आता |
दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से उम्मीद है आप सभी भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य और इसमें निवेश को लेकर होने वाले जोखिमों को आप समझ पाए होंगे | दोस्तों वर्तमान में भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य और सरकार का क्रिप्टो करेंसी के प्रति रवैया कुछ सकारात्मक नजर नहीं आता है|
Disclaimer :- इस लेख भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य में दी गई जानकारी केवल जानकारी के लिए है। इसे निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए. कोई भी निवेश करने से पहले आपको निवेश सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए। कैश खबर निवेश से जुड़े किसी भी मामले में जिम्मेदार नहीं है.
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