शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न्स: सम्पूर्ण गाइड

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नीचे प्रस्तुत यह विस्तृत लेख शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न्स के बारे में है। इसमें मुख्य, सामान्य तथा कुछ दुर्लभ पैटर्न्स को विस्तार से समझाया गया है। ध्यान दें कि चार्ट पैटर्न्स का दायरा अत्यधिक व्यापक है, लेकिन इस लेख में हमने अधिकांश प्रमुख एवं उपयोगी पैटर्न्स के बारे में जानकारी दी है, ताकि ट्रेडर्स और निवेशक बेहतर निर्णय ले सकें।






चार्ट पैटर्न्स तकनीकी विश्लेषण के आधारभूत उपकरण हैं जो बाजार में कीमतों के रुझान, संभावित रिवर्सल (बदलाव) और निरंतरता (कंटीन्यूएशन) के संकेत देते हैं। ये पैटर्न्स न केवल बाजार के मनोभाव को उजागर करते हैं, बल्कि ट्रेडिंग रणनीतियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नीचे हम चार्ट पैटर्न्स को पाँच प्रमुख वर्गों में बाँटकर समझाएंगे:

1. रिवर्सल पैटर्न्स (Reversal Patterns)


2. कंटीन्यूएशन पैटर्न्स (Continuation Patterns)


3. गैप पैटर्न्स (Gap Patterns)


4. त्रि-कैंडल और मल्टी-कैंडल पैटर्न्स (Multi-Candle Patterns)


5. अन्य विशेष पैटर्न्स और वेरिएंट्स (Other Special Patterns and Variants)






1. रिवर्सल पैटर्न्स (Reversal Patterns)

ये पैटर्न्स यह संकेत देते हैं कि मौजूदा ट्रेंड समाप्त हो रहा है और कीमतें विपरीत दिशा में जाने लगती हैं।

1.1 हेड एंड शोल्डर्स (Head and Shoulders)

निर्माण:

तीन शिखर बनते हैं – मध्य में सबसे ऊँचा (हेड) और दोनों ओर छोटे शिखर (शोल्डर्स)।

इन शिखरों के बीच एक ‘नेकलाइन’ होती है, जो शोल्डर्स के निचले हिस्सों को जोड़ती है।


सिग्नल:

जब कीमत इस नेकलाइन को नीचे की ओर तोड़ती है, तो यह अपट्रेंड से डाउनट्रेंड में रिवर्सल का स्पष्ट संकेत होता है।


उपयोग:

ट्रेडर्स इस पैटर्न का उपयोग करके बिक्री का आदेश दे सकते हैं।

स्टॉप लॉस neckline के ऊपर रखा जाता है।



1.2 इनवर्स हेड एंड शोल्डर्स (Inverse Head and Shoulders)

निर्माण:

यह पैटर्न हेड एंड शोल्डर्स का उल्टा होता है – तीन डिप्स, मध्य में सबसे गहरा (हेड) और दोनों ओर हल्के डिप्स (शोल्डर्स)।

नेकलाइन ऊपर की ओर होती है।


सिग्नल:

जब कीमत इस नेकलाइन को ऊपर की ओर तोड़ती है, तो यह डाउनट्रेंड से अपट्रेंड में रिवर्सल का संकेत देता है।


उपयोग:

खरीदारी के लिए मजबूत संकेत, स्टॉप लॉस neckline के नीचे रखा जाता है।



1.3 डबल टॉप और डबल बॉटम (Double Top & Double Bottom)

डबल टॉप:

निर्माण: दो समान ऊँचे शिखर बनते हैं, इनके बीच एक मध्यम गिरावट।

सिग्नल: अपट्रेंड के समाप्त होने और डाउनट्रेंड शुरू होने का संकेत।


डबल बॉटम:

निर्माण: दो समान नीचले डिप्स बनते हैं, इनके बीच एक मध्य में थोड़ी बढ़त।

सिग्नल: डाउनट्रेंड समाप्त होकर अपट्रेंड शुरू होने का संकेत।


उपयोग:

दोनों पैटर्न्स में neckline के टूटने पर रिवर्सल की पुष्टि होती है और ट्रेडिंग सिग्नल प्राप्त होते हैं।



1.4 ट्रिपल टॉप और ट्रिपल बॉटम (Triple Top & Triple Bottom)

ट्रिपल टॉप:

निर्माण: तीन समान ऊँचे शिखर होते हैं, जिनमें कीमत बार-बार समान ऊँचाई पर पहुँचती है।

सिग्नल: अपट्रेंड के चरम पर बिकने का मजबूत संकेत।


ट्रिपल बॉटम:

निर्माण: तीन समान नीचले स्तर होते हैं।

सिग्नल: डाउनट्रेंड के समाप्त होने और अपट्रेंड के शुरू होने का संकेत।


उपयोग:

ये पैटर्न दीर्घकालिक रिवर्सल के संकेत देते हैं, निवेशकों को लंबी अवधि में ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद करते हैं।



1.5 कप एंड हैंडल (Cup and Handle)

निर्माण:

‘कप’ का आकार: कीमत धीरे-धीरे गिरती है, फिर धीरे-धीरे ऊपर उठती है, जिससे एक गोलाकार आकृति बनती है।

‘हैंडल’: कप के दाहिने ओर एक छोटी कंसोलिडेशन (संक्षिप्त स्थिरता) होती है।


सिग्नल:

जब हैंडल के बाद कीमत ऊपर की ओर तोड़ती है, तो यह बुलिश रिवर्सल का संकेत होता है।


उपयोग:

लंबी अवधि में खरीदारी का सिग्नल माना जाता है।



1.6 राउंडिंग बॉटम (Rounding Bottom)

निर्माण:

एक गोल और धीरे-धीरे आकार बदलता पैटर्न, जहाँ कीमत नीचे गिरकर धीरे-धीरे ऊपर लौटती है।


सिग्नल:

डाउनट्रेंड के बाद धीरे-धीरे अपट्रेंड में बदलने का संकेत।


उपयोग:

दीर्घकालिक अपट्रेंड के संकेत के रूप में उपयोगी।



1.7 वेज (Wedges)

राइजिंग वेज:

निर्माण: ऊपर की ओर बढ़ती कीमतें, लेकिन दोनों सपोर्ट और रेसिस्टेंस लाइनों के बीच संकुचित होता है।

सिग्नल: डाउनट्रेंड में संभावित रिवर्सल, क्योंकि बढ़ती कीमतें कमजोर हो सकती हैं।


फॉलिंग वेज:

निर्माण: नीचे की ओर गिरती कीमतें, संकुचित रेंज के साथ।

सिग्नल: अपट्रेंड में संभावित रिवर्सल का संकेत।


उपयोग:

वेज पैटर्न्स में ब्रेकआउट की दिशा का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए।






2. कंटीन्यूएशन पैटर्न्स (Continuation Patterns)

ये पैटर्न मौजूदा ट्रेंड की निरंतरता का संकेत देते हैं।

2.1 फ्लैग और पेनंट (Flag and Pennant)

फ्लैग:

निर्माण: एक तेज़ ट्रेंड के बाद, कीमतें संकीर्ण रेंज में स्थिर हो जाती हैं, जिससे फ्लैग का पैटर्न बनता है।

सिग्नल: फ्लैग के टूटने पर मौजूदा ट्रेंड जारी रहने का संकेत।


पेनंट:

निर्माण: एक संक्षिप्त त्रिकोणाकार पैटर्न, जो फ्लैग से मिलता-जुलता है।

सिग्नल: मौजूदा ट्रेंड में विराम के बाद जारी रखने का संकेत।



2.2 ट्रायंगल्स (Triangles)

सिमेट्रिकल ट्रायंगल:

निर्माण: कीमतें ऊपर और नीचे की ओर संकुचित होती हैं, दोनों दिशाओं में ब्रेकआउट संभव।

सिग्नल: ब्रेकआउट की दिशा अस्पष्ट होती है; सपोर्ट और रेसिस्टेंस के मिलन बिंदु पर ध्यान दें।


एसेन्डिंग ट्रायंगल:

निर्माण: सपोर्ट लाइन स्थिर रहती है, जबकि ऊपरी सीमा धीरे-धीरे ऊपर बढ़ती है।

सिग्नल: बुलिश ब्रेकआउट का पूर्व संकेत।


डिसेंडिंग ट्रायंगल:

निर्माण: रेसिस्टेंस लाइन स्थिर, निचली सीमा धीरे-धीरे नीचे जाती है।

सिग्नल: बेरिश ब्रेकआउट का संकेत।



2.3 रेक्टेंगल (Rectangle)

निर्माण:

कीमतें एक सपोर्ट और रेसिस्टेंस रेंज के भीतर स्थिर रहती हैं।


सिग्नल:

यदि कीमत रेंज से बाहर निकलती है (ब्रेकआउट), तो यह मजबूत संकेत है कि ट्रेंड बदलने वाला है।


उपयोग:

निरंतरता और ब्रेकआउट दोनों के संकेत देता है।






3. गैप पैटर्न्स (Gap Patterns)

गैप पैटर्न्स तब दिखाई देते हैं जब कीमतें अचानक एक स्तर से दूसरी स्तर पर चली जाती हैं।

3.1 ब्रेकअवे गैप (Breakaway Gap)

निर्माण:

ट्रेंड की शुरुआत या अंत में अचानक गैप बनता है।


सिग्नल:

ब्रेकआउट का संकेत, अक्सर रिवर्सल के साथ होता है।



3.2 एक्ज़ॉस्टशन गैप (Exhaustion Gap)

निर्माण:

ट्रेंड के चरम पर अचानक गैप बनता है।


सिग्नल:

ट्रेंड समाप्ति का मजबूत संकेत, जब कीमत तेजी से रिवर्स होने लगती है।



3.3 रनअवे गैप (Runaway Gap)

निर्माण:

निरंतर ट्रेंड के दौरान गैप बनता है।


सिग्नल:

मौजूदा ट्रेंड की मजबूती का संकेत, ब्रेकआउट के साथ रिवर्सल की संभावना कम।



3.4 मेज़रिंग गैप (Measuring Gap)

निर्माण:

गैप का उपयोग ट्रेंड की लंबाई और गहराई को मापने के लिए किया जाता है।


सिग्नल:

ट्रेंड की क्षमता और संभावित लक्ष्य मूल्य निर्धारित करने में सहायक।






4. त्रि-कैंडल और मल्टी-कैंडल पैटर्न्स (Multi-Candle Patterns)

4.1 मॉर्निंग स्टार (Morning Star)

निर्माण:

पहली कैंडल बड़ी लाल, दूसरी छोटी (डोजी या स्पिनिंग टॉप) और तीसरी बड़ी हरी।


सिग्नल:

डाउनट्रेंड के बाद बुलिश रिवर्सल का संकेत।


उपयोग:

खरीदारी के संकेत के रूप में माना जाता है।



4.2 इवनिंग स्टार (Evening Star)

निर्माण:

पहली कैंडल बड़ी हरी, दूसरी छोटी, और तीसरी बड़ी लाल।


सिग्नल:

अपट्रेंड के बाद बेरिश रिवर्सल का संकेत।


उपयोग:

विक्रय के संकेत के रूप में उपयोगी।



4.3 थ्री व्हाइट सोल्जर्स (Three White Soldiers)

निर्माण:

लगातार तीन लंबी हरी कैंडल्स जिनमें ऊपरी छाया कम होती है।


सिग्नल:

मजबूत बुलिश रिवर्सल और अपट्रेंड का समर्थन।



4.4 थ्री ब्लैक क्रोज (Three Black Crows)

निर्माण:

लगातार तीन लंबी लाल कैंडल्स।


सिग्नल:

मजबूत बेरिश रिवर्सल का संकेत।



4.5 एबैंडन्ड बेबी (Abandoned Baby)

निर्माण:

त्रि-कैंडल पैटर्न जिसमें बीच की कैंडल (डोजी) एक स्पष्ट गैप से अलग होती है।


सिग्नल:

बहुत मजबूत रिवर्सल का संकेत।



4.6 थ्री इनसाइड अप / डाउन (Three Inside Up/Down)

निर्माण:

पहली कैंडल बड़ी, दूसरी छोटी (पहली के अंदर), तीसरी बड़ी हरी (इनसाइड अप) या लाल (इनसाइड डाउन)।


सिग्नल:

क्रमशः बुलिश या बेरिश रिवर्सल का संकेत।



4.7 थ्री आउटक्ट अप / डाउन (Three Outside Up/Down)

निर्माण:

पहली कैंडल छोटी, दूसरी कैंडल पहली से बाहर जाती है, तीसरी कैंडल उचित रेंज में बंद होती है।


सिग्नल:

क्रमशः बुलिश या बेरिश रिवर्सल का संकेत।






5. अन्य विशेष पैटर्न्स (Other Special Patterns and Variants)

5.1 Cup and Handle (कप एंड हैंडल)

निर्माण:

एक ‘कप’ का आकार: कीमतें धीरे-धीरे नीचे जाती हैं, फिर ऊपर उठती हैं, जिससे एक गोल कप का आकार बनता है।

‘हैंडल’: कप के दाहिने ओर एक छोटी कंसोलिडेशन।


सिग्नल:

हैंडल के टूटने पर बुलिश रिवर्सल का संकेत, लंबी अवधि में अपट्रेंड का आधार।



5.2 Rounding Bottom (राउंडिंग बॉटम)

निर्माण:

कीमत का एक गोल आकार बनाना, जहां वह नीचे गिरने के बाद धीरे-धीरे ऊपर लौटती है।


सिग्नल:

डाउनट्रेंड के बाद अपट्रेंड में परिवर्तन का संकेत।



5.3 Wedges (वेड़्स)

राइजिंग वेज:

ऊपर की ओर बढ़ती कीमतें, पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस लाइनों के बीच संकुचित रेंज।

सिग्नल: संभावित डाउनट्रेंड में रिवर्सल।


फॉलिंग वेज:

नीचे की ओर गिरती कीमतें, पर रेंज संकुचित होती है।

सिग्नल: संभावित अपट्रेंड में रिवर्सल।



5.4 Rectangles (रेक्टेंगल)

निर्माण:

कीमतें एक सपोर्ट और रेसिस्टेंस रेंज के भीतर स्थिर रहती हैं।


सिग्नल:

यदि कीमत रेंज से बाहर निकलती है, तो यह ट्रेंड के बदलाव का संकेत देता है।



5.5 Flag and Pennant Patterns (फ्लैग और पेनंट)

फ्लैग:

तेजी के बाद एक संकुचित क्षेत्र, जहाँ कीमतें एक सीधी रेंज में स्थिर होती हैं।

सिग्नल: ट्रेंड जारी रखने का संकेत।


पेनंट:

एक संक्षिप्त त्रिकोणाकार पैटर्न।

सिग्नल: मौजूदा ट्रेंड में विराम के बाद जारी रखने का संकेत।



5.6 Gaps (गैप्स)

Breakaway Gap (ब्रेकअवे गैप):

ट्रेंड की शुरुआत या अंत में अचानक गैप दिखाई देता है।

सिग्नल: महत्वपूर्ण ब्रेकआउट या रिवर्सल का संकेत।


Exhaustion Gap (एक्ज़ॉस्टशन गैप):

ट्रेंड के चरम पर अचानक गैप, जो रिवर्सल का संकेत देता है।


Runaway Gap (रनअवे गैप):

निरंतर ट्रेंड के दौरान गैप; यह ट्रेंड की मजबूती का संकेत देता है।


Measuring Gap (मेज़रिंग गैप):

गैप का उपयोग ट्रेंड की लंबाई और गहराई को मापने के लिए किया जाता है।



5.7 Special Doji Variants

Closing Doji / Opening Doji:

कैंडल में कोई छाया नहीं, जो खुलने या बंद होने के समय पूरी तरह से समान होती है।


Mini Doji, Quasi-Doji, Off-Balance Doji, Inverted Doji, Inside Doji:

विभिन्न वेरिएंट्स जो बाजार में अनिश्चितता, संतुलन में बदलाव या ब्रेकआउट का पूर्व संकेत देते हैं।



5.8 Miscellaneous Patterns

Parabolic Candle (पैराबोलिक कैंडल):

तेजी से बढ़ती या गिरती कीमतों का पैटर्न, ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों में देखने को मिलता है।


Dragonfly Star & Gravestone Star (ड्रैगनफ्लाई स्टार और ग्रेवस्टोन स्टार):

डोजी के विशेष वेरिएंट, जो क्रमशः बुलिश और बेरिश रिवर्सल के संकेत देते हैं।


Breakout Doji, Continuation Doji:

डोजी पैटर्न्स जो ब्रेकआउट या मौजूदा ट्रेंड की निरंतरता का संकेत देते हैं।


Ultimate Reversal Pattern:

कई कैंडल्स के मेल से एक मजबूत रिवर्सल का अंतिम संकेत।


Candlestick Star Pattern:

‘स्टार’ शब्द का उपयोग करते हुए विभिन्न पैटर्न्स का समूह, जिन्हें आम तौर पर रिवर्सल के संकेत के रूप में माना जाता है।


Swinging Door Pattern:

कीमत अचानक एक सीमा से बाहर जाती है और फिर वापस आती है; यह ब्रेकआउट या रिवर्सल का संकेत देता है।


Ladder Top/Bottom, Rising/Falling Window:

सीढ़ी के रूप में पैटर्न्स, जहाँ कीमत धीरे-धीरे ऊपर या नीचे जाती है, फिर रिवर्सल का संकेत देती है।


Concealed Advance/Decline Blocks:

पैटर्न्स जिनमें कीमत में धीमी वृद्धि या गिरावट छिपे संकेत देती है, जो रिवर्सल का संकेत हो सकते हैं।


Kicking Pattern Variations:

मूल किकिंग पैटर्न के संशोधित रूप जो रिवर्सल के संकेत को और स्पष्ट करते हैं।






चार्ट पैटर्न्स का महत्व और उपयोग

ट्रेंड की पहचान:
पैटर्न्स से मौजूदा ट्रेंड का पता चलता है और संभावित रिवर्सल की संभावना का अनुमान लगाया जा सकता है।

ट्रेडिंग निर्णय:
सही पैटर्न्स का विश्लेषण करके ट्रेडर्स यह तय कर सकते हैं कि कब खरीदारी करनी है या बिक्री करनी है।

जोखिम प्रबंधन:
पैटर्न्स के माध्यम से संभावित रिवर्सल या ब्रेकआउट का पूर्व संकेत प्राप्त करके, ट्रेडर्स अपने जोखिम को कम कर सकते हैं।

साथ मिलाकर विश्लेषण:
इन पैटर्न्स का उपयोग अन्य तकनीकी संकेतकों (जैसे मूविंग एवरेज, सपोर्ट-रेसिस्टेंस, ओस्सीलेटर) के साथ मिलाकर किया जाता है, जिससे अधिक सटीक निर्णय लिया जा सके।





अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: चार्ट पैटर्न्स का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A: चार्ट पैटर्न्स का उपयोग बाजार में भावों के रुझान, संभावित रिवर्सल, निरंतरता, और ब्रेकआउट का पूर्व संकेत प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

Q2: रिवर्सल और कंटीन्यूएशन पैटर्न्स में क्या अंतर है?
A: रिवर्सल पैटर्न्स संकेत देते हैं कि मौजूदा ट्रेंड खत्म होने वाला है, जबकि कंटीन्यूएशन पैटर्न्स मौजूदा ट्रेंड के जारी रहने का संकेत देते हैं।

Q3: कौन से रिवर्सल पैटर्न्स सबसे विश्वसनीय माने जाते हैं?
A: हेड एंड शोल्डर्स, डबल/ट्रिपल टॉप/बॉटम, कप एंड हैंडल, और मॉर्निंग/इवनिंग स्टार पैटर्न्स अक्सर मजबूत रिवर्सल संकेत देते हैं। लेकिन इन्हें अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ मिलाकर देखना चाहिए।

Q4: गैप पैटर्न्स का महत्व क्या है?
A: गैप पैटर्न्स बाजार में अचानक बदलाव का संकेत देते हैं, जो ट्रेंड की दिशा बदलने या जारी रहने का पूर्व संकेत हो सकते हैं।

Q5: फ्लैग, पेनंट और ट्रायंगल्स में क्या अंतर है?
A:

फ्लैग और पेनंट पैटर्न्स मौजूदा ट्रेंड में विराम के बाद जारी रखने का संकेत देते हैं।

ट्रायंगल्स (सिमेट्रिकल, एसेन्डिंग, डिसेंडिंग) से ब्रेकआउट की दिशा का अनुमान लगाया जाता है; एसेन्डिंग ट्रायंगल बुलिश, डिसेंडिंग ट्रायंगल बेरिश संकेत देते हैं।


Q6: क्या सभी चार्ट पैटर्न्स हर समय काम करते हैं?
A: नहीं, कोई भी पैटर्न अकेले सटीक परिणाम नहीं देता। इन्हें अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ मिलाकर देखना चाहिए ताकि अधिक विश्वसनीय ट्रेडिंग संकेत प्राप्त हो सकें।




निष्कर्ष

यह विस्तृत गाइड शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न्स के लगभग 100+ विभिन्न प्रकारों का विस्तृत विवरण प्रदान करती है। हमने एकल कैंडल से लेकर द्वि-कैंडल, त्रि-कैंडल, कंटीन्यूएशन पैटर्न्स, गैप पैटर्न्स, और अन्य विशेष वेरिएंट्स को समझाया है। सही ज्ञान, नियमित अभ्यास और अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ इन पैटर्न्स का विश्लेषण करके, ट्रेडर्स और निवेशक बाजार के रुझानों को समझ सकते हैं और बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं। यह गाइड आपके लिए एक व्यापक संदर्भ का कार्य करेगी, जिससे आप शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न्स की गहराई और विविधता को समझ सकेंगे।




नोट: इस लेख में कैंडलस्टिक पैटर्न्स और चार्ट पैटर्न्स का विवरण प्रस्तुत किया गया है। कई पैटर्न्स के वेरिएंट्स होते हैं, और इनका सही विश्लेषण करने के लिए चार्ट्स का अभ्यास करना और अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ इनका मिलान करना आवश्यक है।




This comprehensive article in Hindi provides detailed explanations of over 100 chart patterns in the share market, covering their formation, signals, usage, and includes an extensive FAQ section addressing common questions related to chart patterns.

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